
चुनाव से ठीक पहले NDA की राजनीति में आया हाई वोल्टेज ट्विस्ट। उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री और SBSP प्रमुख ओमप्रकाश राजभर ने बिहार में एनडीए से गठबंधन तोड़ दिया है। अब वो “हम करेंगे अपनी मर्ज़ी!” स्टाइल में 153 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं।
BJP पर फूटा ‘गठबंधन धर्म’ का गुस्सा
राजभर जी ने बीजेपी पर “गठबंधन धर्म न निभाने” का गुस्सा इस अंदाज़ में निकाला जैसे घर में किसी ने दाल में नमक कम डाल दिया हो।
“हमने तो 4-5 सीट मांगी थी – राजभर
“बिहार के लोग गठबंधन धर्म नहीं जानते!”
राजभर का मानना है कि बिहार में गठबंधन धर्म नहीं निभाया जाता, और भाजपा ने उन्हें गलत फीडबैक और सही इग्नोरेंस दी। अब SBSP ने पूरे 153 सीटों पर लड़ने का मन बना लिया है। पहले चरण की 52 सीटों पर उम्मीदवार तय, और नामांकन शुरू भी कर दिया है।
सवाल ये नहीं कि राजभर अलग क्यों हुए, सवाल ये है कि… उन्हें जोड़ा किसने था?
राजभर जी का पॉलिटिकल कैलकुलेटर कुछ यूं चलता है:
- UP में मंत्री पद मिला – NDA प्यारा लगा
- बिहार में सीटें नहीं मिलीं – NDA बेवफ़ा लगने लगा
- अब 153 सीटों पर अकेले चुनाव – लोकतंत्र के वन मैन शो!
“गठबंधन धर्म” की आत्मा को कौन समझाए?
SBSP का मानना है कि अगर उन्हें सम्मान नहीं मिलेगा, तो वो वोटों की ‘कुश्ती’ अकेले ही करेंगे। बिहार BJP कहती रही – “राजभर जी समझिए”, लेकिन राजभर बोले – “अब तो बात समझ से बाहर हो गई है!”

राजभर की राजनीति कुछ वैसी है जैसे शादी में RSVP न देने के बाद भी दूल्हे के साथ स्टेज पर फोटो खिंचवाना। अब गठबंधन छोड़ने के बाद शायद अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहें – “हम बिहार में अकेले नहीं हैं, हमारे पास भावनाएँ हैं, उम्मीदवार हैं और नाराज़गी भी!”
“गठबंधन धर्म” इस देश में इतना कमजोर है कि हल्की हवा चलने से भी टूट जाता है। SBSP ने NDA को जो अल्टीमेटम दिया था – “चार सीट दो, नहीं तो – वो अब हकीकत बन चुकी है।
बिहार चुनाव 2025 अब और भी मज़ेदार हो गया है। देखना ये है कि 153 सीटों पर उतरे राजभर, कितनी पर ‘वोट’ पाते हैं!
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“राजनीति में थोड़ा ह्यूमर भी ज़रूरी है!”